Sunday, February 28, 2016

आँखें

आँखे बन्द करके जो प्रेम करे वो 'प्रेमिका' है ।
आँखे खोल के जो प्रेम करे वो 'दोस्त' है ।।
आँखे दिखा के जो प्रेम करे वो 'पत्नी' है ।
अपनी आँखे बंद होने तक जो प्रेम करे वो 'माँ' है ।

सजदा

--वो सजदा ही क्या..
जिसमें होश रहे सर उठाने का..

Saturday, February 27, 2016

Warren Buffet on carrots



In his much-anticipated annual letter to stockholders, Warren Buffett, CEO of Berkshire writes that Berkshire's annual meeting will be webcast for the first time this year on April 30 at https://finance.yahoo.com/brklivestream.

"Viewers can also observe our life-prolonging diet. During the meeting, Charlie (92) and I (85) will each consume enough Coke, See's fudge and See's peanut brittle to satisfy the weekly caloric needs of an NFL lineman," Buffett wrote. "Long ago we discovered a fundamental truth: There's nothing like eating carrots and broccoli when you're really hungry – and want to stay that way."

Wednesday, February 24, 2016

251 का मोबाईल

देश में गरीबी कितनी है,
अंदाजा लगा ग़ालिब......
..
..
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लोग 25000 का लेपटोप लेकर बेठे थे.....
251 का मोबाईल खरीदने के लिए....
(वो भी सुबह 5 बजे से...😜😝😛)

ठिकरो

जिंदगी" में "कदी" "कोई" "गलती" वई "जाय"
"तो" "घबराजो" "मती"
"बस" 2 "मिनट" अपणी "आख्या" "बंद" "करी लो"
"और"
"सोचो" "कि"
:
:
यो ठिकरो किका माथा पे "फोड़ु"

पंघत

शादी मे buffet खाने में वो आनंद नहीं जो पंघत में आता था जैसे....
👉पहले जगह रोकना !
👉बिना फटे पत्तल दोनों का सिलेक्शन !
☝चप्पल जुते पर आधा ध्यान रखना...!
👉फिर पत्तल पे ग्लास रखकर उड़ने से रोकना !
👉नमक रखने वाले को जगह बताना यहां रख !
👉दाल सब्जी देने वाले को गाइड करना हिला के दे या तरी तरी देना !
👉उँगलियों के इशारे से 2 गुलाब जामुन लेना !
👉पूडी छाँट छाँट के गरम गरम लेना !.
👉पीछे वाली पंघत में झांक के देखना क्या क्या आ गया ! अपने इधर और क्या बाकी है।
जो बाकी है उसके लिए आवाज लगाना
👉पास वाले रीश्तेदार के पत्तल में जबरदस्ती पूडी रखवाना !
👉 रायते वाले को दूर से आता देखकर फटाफट रायते का दोना पीना ।
👉 पहले वाली पंघत कितनी देर में उठेगी। उसके हिसाब से बैठने की पोजीसन बनाना।
👉 और आखरी में पानी वाले को खोजना।

Monday, February 22, 2016

धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं!

"धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं!
"जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है!
"कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है!
"और कभी यादों के सहारे जिंदगी
कट जाती है!
"किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते!
"फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते!
"जी लो इन पलों को हंस के दोस्त!
"फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते!!!

Sunday, February 21, 2016

मुँह की बात सुने हर कोई

मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन ।

सदियों-सदियों वही तमाशा
रस्ता-रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन ।

जाने क्या-क्या बोल रहा था
सरहद, प्यार, किताबें, ख़ून
कल मेरी नींदों में छुपकर
जाग रहा था जाने कौन ।

मैं उसकी परछाई हूँ या
वो मेरा आईना है
मेरे ही घर में रहता है
मेरे जैसा जाने कौन ।

किरन-किरन अलसाता सूरज
पलक-पलक खुलती नींदें
धीमे-धीमे बिखर रहा है
ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन |

हर एक इन्सान बुरा नहीं होता

ऐ उम्र !
कुछ कहा मैंनें,
पर शायद तूने सुना नहीं...
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं...!!!

हर बात का कोई जवाब नहीं होता
हर इश्क का नाम खराब नहीं होता...
यूँ तो झूम लेते हैं नशे में पीने वाले
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता...

खामोश चेहरे पर हज़ारों पहरे होते हैं
हँसती आखों में भी ज़ख़्म गहरे होते हैं
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते हैं...

किसी ने खुदा से दुआ माँगी,
दुआ में अपनी मौत माँगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दूँ मगर,
उसे क्या कहूँ जिसने तेरी ज़िंदगी की दुआ माँगी...

हर इन्सान का दिल बुरा नहीं होता
हर एक इन्सान बुरा नहीं होता
बुझ जाते हैं दीये कभी तेल की कमी से...
हर बार कुसूर हवा का नहीं होता !!!

Random stuff

कागज़ पे लिखी गज़ल, बकरी चबा गयी,
चर्चा पूरे शहर में हुई, के बकरी शेर खा गयी।

कुदरत का करिश्मा देखो जो अपने पति की ना हुई वो राजस्थान की सी•एम• है।
और जो अपनी पत्नी का नहीं हुआ वो भारत का पी•एम• है।

चाय से शुरु हुई थी ये सरकार, गाय पे अटक गई,
रमेश की मम्मी रास्ते में कहीं भटक गई।

लडकियां भाव खा रही हैं,
लडके धोखा खा रहे हैं,
😀😀😀😀😀😀( वक़्त के एक 'दौर' में इस कदर भूखा था मैं,
कि कुछ न मिला तो धोखा ही खा गया..)
पुलिस रिश्वत खा रही हैं,
नेता माल खा रहे हैं,
किसान जहर खा रहे हैं,
जवान गोली खा रहे हैं।

कौन कहता है कि भारत भूखा मर रहा है ??
झाड़ू वाला मुख्यमंत्री है,
चाय वाला प्रधानमंत्री है,
12 वीं पास देश की शिक्षा मंत्री है,
9 वीं फेल बिहार का उपमुख्यमंत्री है,
अंगूठा टेक सरपंच हैं
और
हम ग्रेजुएट डिप्लोमा वाले Facebook WhatsApp पर ग्रुप ग्रुप खेल रहे हैं।

Saturday, February 20, 2016

किसी के दर्द को अपना बना कर देखते हैं

मुहब्बत की हक़ीक़त आज़मा कर देखते हैं
किसी की चाह सीने में जगा कर देखते हैं

ज़मीनों आसमा के फासले मिटते न देखा
चलो हम आज ये दूरी मिटा कर देखते हैं

ये कैसी आग है जिसमे फ़ना होते हैं कितने
कभी इस आग में खुद को जला कर देखते हैं

बड़ी बेदर्द दुनिया है बड़ा खुदसर जमाना
किसी के दर्द को अपना बना कर देखते हैं

Random thoughts

आगे सफर था और पीछे हमसफर था..

रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..





मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..




ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...



मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था

रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....




यूँ समँझ लो,

प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...




पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.






बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!





वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!





सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।






"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!





"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,

पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....


अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......






लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.

"थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!"

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...

बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!

हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.

"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।

मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...

पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम

गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।

Sunday, February 14, 2016

ध्रुव तारे की कहानी

ध्रुव तारे की कहानी |

कैसे एक नन्हा बालक तपस्या कर
भगवान की गोद में स्थान पाता हैं और अमर हो जाता हैं |

राजा उतान्पाद ब्रह्मा जी के पुत्र मनु के पुत्र थे | उनका विवाह एक बहुत ही सुंदर कन्या से हुआ था जिनका नाम सुनीति था | राजा अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे लेकिन उन्हें कोई संतान नहीं थी इसलिए रानी ने राजा को दूसरा विवाह करने कहा | राजा अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे इसलिए उन्होंने मना कर दिया और कहा कि दूसरी पत्नी के आने से तुम्हारा स्थान कम हो जायेगा जिस पर सुनीति ने कहा मुझे आप पर विश्वास हैं ऐसा नहीं होगा | राजा को सुनीति की हठ माननी पड़ी और उन्होंने दूसरा विवाह कर लिया | उनकी दूसरी पत्नी का नाम सुरुचि था | विवाह के बाद जब सुरुचि महल आई | तब उसे राजा की पहली पत्नी के बारे में पता चला | यह जानने के बाद सुरुचि ने उत्तानपाद से कहा – जब तक आपकी पहली पत्नी वन प्रस्थान नहीं करेगी वो महल में प्रवेश नहीं करेगी |यह सुनकर सुनीति स्वयम ही राज महल त्याग कर वन में रहने चली गई |
कुछ समय बाद, राजा शिकार के लिए वन में जाते हैं और घायल हो जाते हैं | यह बात जब सुनीति को पता चलती हैं तो वो राजा को अपनी कुटिया में लाकर उनका उपचार करती हैं | राजा कई दिनों तक अपनी पहली पत्नी के साथ रहते हैं | उस दौरान सुनीति गर्भवती हो जाती हैं |और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती हैं जिसका नाम ध्रुव रखा जाता हैं |जिसके बारे में राजा को ज्ञात नहीं रहता |

कुछ दिनों, बाद राजा अपने महल चले जाते हैं | वहाँ भी रानी सुरुचि को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती हैं जिसका नाम उत्तम रखा जाता हैं |

कुछ समय बाद राजा उत्तानपाद को ध्रुव के बारे में पता चलता हैं वो रानी सुनीति को महल में आने का आगृह करते हैं लेकिन वो नहीं आती | ध्रुव को कभी कभी महल भेज दिया करती | यह सब देख रानी सुरुचि को ध्रुव से घृणा होने लगते हैं | एक दिन ध्रुव अपने पिता उत्तानपाद की गोद में बैठता हैं | यह देख रानी सुरुचि को क्रोध आ जाता हैं और वो उसे धक्का देकर अपशब्द कहती हैं और उसे छोड़ी हुई स्त्री का पुत्र कहकर अपमानित करती हैं |

नन्हा ध्रुव कुटिया में आकर माँ को पूरा घटनाक्रम सुनाता हैं |तब माता सुनीति उसे समझाती हैं | बेटा अगर कोई बुरा कहे तो उसके बदले में उसे बुरा मत कहो | इससे तुम्हे ही हानि होगी | अगर तुम अपने पिता की गोद में सह सम्मान बैठना चाहते हो तो भगवान विष्णु की उपासना करो वो जगत पिता हैं | अगर बैठना हैं तो उनकी गोद में बैठो |

बालक ध्रुव के मन में यह बात बैठ जाती हैं | और वह यही भाव लिए यमुना तट पर नहाने जाता हैं | वहाँ उसकी मनोदशा जानकर नारद मुनि आते हैं और वो ध्रुव को भगवान की भक्ति की विधि बताते हैं जिसे जानने के बाद ध्रुव कठोर तपस्या में लीन हो जाता हैं | कई महीनो तक खड़े होकर तपस्या करता हैं | कभी जल में तपस्या करता हैं तो कभी एक ऊँगली पर खड़े रहकर | निरंतर ॐ नमो वासुदेवाय का जाप पुरे ब्रह्माण में गूंजने लगता हैं | नन्हे से बालक की इस घौर तपस्या को देख भगवान् उसे दर्शन देते हैं |बालक ध्रुव भाव विभौर हो उठता हैं और कहता हैं मुझे माता, पिता की गोद में बैठने नहीं देती | मेरी माँ कहती हैं कि आप इस श्रृष्टि के पिता हैं | अतः मुझे आपकी गोद में बैठना हैं | भगवान उसकी इच्छा पूरी करते हैं और उसे तारा बनने का आशीर्वाद देते हैं जो कि सप्त ऋषियों से भी ज्यादा श्रेष्ठ होगा | उस दिन से आज तक आसमान में उत्तर दिशा की और ध्रुव तारा चमक रहा हैं |

Sri Srinivasan_ Supreme Court justice in the making?

Justice Scalia

Wednesday, February 10, 2016

रखा करो नज़दीकियाँ

रखा करो नज़दीकियाँ,
ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं...!!
फिर ना कहना चले भी गये,
और बताया भी नहीं...!!

Tuesday, February 9, 2016

काग दही पर जान गँवायो

एक बार एक कवि हलवाई की दुकान पहुंचे, जलेबी और दही ली और वहीं खाने बैठ गये। इतने में एक कौआ कहीं से आया और दही की परात में चोंच मारकर उड़ चला। हलवाई को बड़ा गुस्सा आया उसने पत्थर उठाया और कौए को दे मारा। कौए की किस्मत ख़राब, पत्थर सीधे उसे लगा और वो मर गया।

- ये घटना देख कवि हृदय जगा । वो जलेबी खाने के बाद पानी पीने पहुंचे तो उन्होने एक कोयले के टुकड़े से वहां एक पंक्ति लिख दी।
"काग दही पर जान गँवायो"

- तभी वहां एक लेखपाल महोदय जो कागजों में हेराफेरी की वजह से निलम्बित हो गये थे, पानी पीने आए। कवि की लिखी पंक्तियों पर जब उनकी नजर पड़ी तो अनायास ही उनके मुंह से निकल पड़ा , कितनी सही बात लिखी है! क्योंकि उन्होने उसे कुछ इस तरह पढ़ा-
"कागद ही पर जान गंवायो"

- तभी एक मजनू टाइप लड़का पिटा-पिटाया सा वहां पानी पीने आया। उसे भी लगा कितनी सच्ची बात लिखी है काश उसे ये पहले पता होती, क्योंकि उसने उसे कुछ यूं पढ़ा था-
"का गदही पर जान गंवायो"
---------------------
शायद इसीलिए तुलसीदास जी ने बहुत पहले ही लिख दिया था,
"जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"

Monday, February 8, 2016

प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र संग्रह

🌅🔔🌿प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र संग्रह

🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥

🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸

समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥

🔺त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण🔺

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥

♥ स्नान मन्त्र ♥

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

🌞 सूर्यनमस्कार🌞

ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥

ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥

🔥दीप दर्शन🔥

शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥

दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥

🌷 गणपति स्तोत्र 🌷

गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।

विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥

⚡आदिशक्ति वंदना ⚡

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

🔴 शिव स्तुति 🔴

कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥

🔵 विष्णु स्तुति 🔵

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫

कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

⚪ श्रीराम वंदना ⚪

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥

♦श्रीरामाष्टक♦

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱

आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥

🍁सरस्वती वंदना🍁

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥

🔔हनुमान वंदना🔔

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥

🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹

ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥

❄ शांति पाठ ❄

ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥

॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

Lincoln and Kennedy

Abraham Lincoln was elected to Congress in 1846.
John F. Kennedy was elected to Congress in 1946.

Abraham Lincoln was elected President in 1860.
John F. Kennedy was elected President in 1960.

Both were particularly concerned with civil rights.
Both their wives lost a child while living in the White House.

Both Presidents were shot on a Friday.
Both Presidents were shot in the head.

Lincoln's secretary was named Kennedy.
Kennedy's Secretary was named Lincoln.

Both were assassinated by Southerners.
Both were succeeded by Southerners named Johnson.

Andrew Johnson, who succeeded Lincoln, was born in 1808.
Lyndon Johnson, who succeeded Kennedy, was born in 1908.

John Wilkes Booth, who assassinated Lincoln, was born in 1839.
Lee Harvey Oswald, who assassinated Kennedy, was born in 1939.

Both assassins were known by their three names.
Both names are composed of fifteen letters.

Lincoln was shot at the theater named "Ford."
Kennedy was shot in a car called "Lincoln" made by "Ford."

Booth and Oswald were assassinated before their trials.

A week before Lincoln was shot, he was in Monroe, Maryland.
A week before Kennedy was shot, he was with Marilyn Monroe.

Lincoln was shot in a theater and the assassin ran to a warehouse...
Kennedy was shot from a warehouse and the assassin ran to a theatre...