Monday, May 23, 2016

छांव

🙏ੴ 🙏ੴ 🙏

किसी ने मुझसे पूछा
जब हर कण कण मे वाहेगुरू है तो तुम गुरुद्वारे क्यूँ जाते हैं।

मैने जवाब दिया

हवा तो धूप में भी चलती है पर आनंद
छाँव मे बैठ कर मिलता है
वैसे ही वाहेगुरू सब तरफ है पर
आनंद गुरुद्वारे मे ही आता है


Best Regards,
Rahul

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